गायत्री मंत्र क्यों और कब ज़रूरी है
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- सुबह उठते वक़्त 8 बार अष्ट कर्मों को जीतने के लिए !!
- भोजन के समय 1 बार अमृत समान भोजन प्राप्त होने के लिए !!
- बाहर जाते समय समृद्धि सफलता और सिद्धि के लिए !!
- मन्दिर में 12 बार प्रभु के गुणों को याद करने के लिए !!
- छींक आए तब गायत्री मंत्र उच्चारण बार अमंगल दूर करने के लिए !!
- सोते समय 7 बार सात प्रकार के भय दूर करने के लिए !!
ओम शब्द का अर्थ और नियम
ॐ , ओउम् तीन अक्षरों से बना है।
अ उ म् ।
“अ” का अर्थ है उत्पन्न होना,
“उ” का तात्पर्य है उठना, उड़ना अर्थात् विकास,
“म” का मतलब है मौन हो जाना अर्थात् “ब्रह्मलीन” हो जाना।
ॐ सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और पूरी सृष्टि का द्योतक है।
ॐ का उच्चारण शारीरिक लाभ प्रदान करता है।
जानीए ॐ कैसे है स्वास्थ्यवर्द्धक और अपनाएं आरोग्य के लिए ॐ के उच्चारण का मार्ग…
1. ॐ और थायराॅयडः-
ॐ का उच्चारण करने से गले में कंपन पैदा होती है जो थायरायड ग्रंथि पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
2. ॐ और घबराहटः-
अगर आपको घबराहट या अधीरता होती है तो ॐ के उच्चारण से उत्तम कुछ भी नहीं।
3. ॐ और तनावः-
यह शरीर के विषैले तत्त्वों को दूर करता है, अर्थात तनाव के कारण पैदा होने वाले द्रव्यों पर नियंत्रण करता है।
4. ॐ और खून का प्रवाहः-
यह हृदय और ख़ून के प्रवाह को संतुलित रखता है।
5. ॐ और पाचनः-
ॐ के उच्चारण से पाचन शक्ति तेज़ होती है।
6. ॐ लाए स्फूर्तिः-
इससे शरीर में फिर से युवावस्था वाली स्फूर्ति का संचार होता है।
7. ॐ और थकान:-
थकान से बचाने के लिए इससे उत्तम उपाय कुछ और नहीं।
8. ॐ और नींदः-
नींद न आने की समस्या इससे कुछ ही समय में दूर हो जाती है। रात को सोते समय नींद आने तक मन में इसको करने से निश्चिंत नींद आएगी।
9. ॐ और फेफड़े:-
कुछ विशेष प्राणायाम के साथ इसे करने से फेफड़ों में मज़बूती आती है।
10. ॐ और रीढ़ की हड्डी:-
ॐ के पहले शब्द का उच्चारण करने से कंपन पैदा होती है। इन कंपन से रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है और इसकी क्षमता बढ़ जाती है।
11. ॐ दूर करे तनावः-
ॐ का उच्चारण करने से पूरा शरीर तनाव-रहित हो जाता है।
आशा है आप अब कुछ समय जरुर ॐ का उच्चारण करेंगे। साथ ही साथ इसे उन लोगों तक भी जरूर पहुंचायेगे जिनकी आपको फिक्र है
“पहला सुख निरोगी काया”
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