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गोमती चक्र के अचूक प्रयोग और परेशानी खत्म !!

जल के निचले सतह यानी जल के भीतर पृथ्‍वी के ऊपरी सतह पर जो रत्‍न- धातु मिला, उसे गोमती चक्र कहा गया। यह मूल रूप से गोमती नदी में मिलता है । समुद्र मंथन के दौरान घर्षण व रासायनिक संयोग के चलते इसमें अद्भुत शक्तियों का समावेश हो गया। माना जाता है कि वरुण देवता व पृथ्‍वी माता के आशीर्वाद से इसमें तमाम तरह की बाधाएं समाप्‍त करने व धन संपदा में वृद्धि की शक्तियां प्रवेश कर गईं।

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गोमती चक्र की बनावट को देखा जाये तो उसके ऊपर चिकने भाग पर हिन्दी के ७ का अंक बना मिलता है, वर्तमान के ज्योतिषियों के अनुसार यह अंक राहु का अंक कहा जाता है और पानी की वस्तु जिसे चन्द्रमा का रूप दिया जाता है उसके अन्दर इस अंक के होने से यह राहु कृत प्रभावो को दूर रखने के लिये अपनी युति को प्रदान करता है साथ ही बेकार की शंका को दूर रखने मे सहायक होता है, जिनकी कुंडली मे राहु चन्द्र की युति होती है वह इसे चांदी की अंगूठी या पेंडल मे बनवाकर धारण कर सकते है। होली, दिवाली और नव रात्रों आदिपर गोमती चक्र की विशेष पूजा होती है। सर्वसिद्धि योग, अमृत योग और रविपुष्य योग आदि विभिन्न मुहूर्तों पर गोमती चक्र की पूजा बहुत फलदायक होती है।

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गोमती चक्र के अचूक प्रयोग

  • गोमती चक्र की भस्म शहद मे मिलाकर पैरो के नाखून मे लगाने के बाद वात का दर्द दूर होता देखा गया है। साथ ही पैर के अंगूठे मे लगाने के बाद नेत्र ज्योति भी बढती देखी गयी है।
  • गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है।
  • असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ। सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ । इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है।
  • धन लाभ के लिऐ 11 गोमती चक्र अपने पुजा स्थान मे रखना चाहिऐ उनके सामने ॐ श्री नमः का जाप करना चाहिऐ। इससे आप जो भी कार्य करेंगे उसमे आपका मन लगेगा और सफलता प्राप्त होगी । किसी भी कार्य को उत्साह के साथ करने की प्रेरणा मिलेगी।
  • गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदुर तथा अक्षत डालकर रखें तो ये शीघ्र फलदायक होते है।
  • यदि घर में भूत-प्रेतों का उपद्रव हो तो दो गोमती चक्र लेकर घर के मुखिया के ऊपर घुमाकर आग में डाल दें तो घर से भूत-प्रेत का उपद्रव समाप्त हो जाता है।
  • यदि घर में बीमारी हो या किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर उसे चांदी में पिरोकर रोगी के पलंग के पाये पर बांध दें। उसी दिन से रोगी को आराम मिलने लगता है।
  • प्रमोशन नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ा दें और सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करें। निश्चय ही प्रमोशन के रास्ते खुल जाएंगे।

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Written by Aacharya Ektaa Dhasmana

Acharya Ektaa Dhasmana is award winning renowned Astrologer,numerologist nadi consultant & Astro Healer.

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She has experience of 10 years & 500+ kundali analysis.
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3 years in varanasi,1 year ujjain for adhyatma and astrology practice.

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