हनुमान जी ब्रह्मचारी थे , फिर कैसे उनके पुत्र का जन्म हुआ । जब हनुमान जी सीता जी की खोज करने के लिए लंका पहुंचे, तब उन्होंने अशोक वाटिका में माता सीता जी से भेंट की और उन्होंने बताया कि वह राम दूत राम भक्त हनुमान है। रामचंद्र जी के भेजने पर मैं आपको ढूंढने के लिए आया हूं । उसके पश्चात हनुमान जी ने सीता जी से विदा ली और कहा , माता मुझे बहुत भूख लगी है मैं यह फल खा लेता हूं।
जब हनुमानजी ने वाटिका में लगे पेड़ को उखाड़ उखाड़ कर फेंकना शुरु कर दिया और सारी वाटिका उजाड़ दी कुछ फल खाए और कुछ फेंके इस तरह की हलचल देखकर यह खबर रावण तक पहुंचाई गई , तब रावण के आदेश पर मेघनाथ हनुमान जी को पकड़ने के लिए आए।
मेघनाथ ने हनुमान जी को पकड़कर रावण की सभा में पेश किया, तब रावण ने हनुमान जी की पूंछ पर आग लगवा दी। उसके बाद हनुमान जी ने पूंछ के साथ सारी लंका में आग लगा दी।
यह भी पढ़े : क्यों और कैसे हुआ हनुमान जी का पंचमुखी अवतार?
अपनी पूंछ को बुझाने के लिए समुद्र के पास पहुंचे जलती हुई पूंछ के कारण हनुमान जी को तीव्र वेदना हो रही थी। जिसके कारण उनके शरीर से पसीना टपक रहा था और पसीने की एक बूंद को मछली ने पी लिया जिससे मछली गर्भवती हो गई।
जब अहिरावण के द्वारा उस मछली को पकड़ा गया. तब उस मछली के पेट में से मकरध्वज बालक प्रकट हुआ। मकरध्वज हनुमान जी के समान बहुत बलशाली और दिव्यता से परिपूर्ण था।
हनुमान जी के समान ही उसमें तेज और बल था। अहिरावण ने उसको अपना द्वारपाल नियुक्त किया।
यह भी पढ़े : क्यों और कैसे हुआ हनुमान जी का पंचमुखी अवतार?
हनुमान जी के समान ही वह भी स्वामी भक्त था। जब अहिरावण ने श्री रामचंद्र जी और लक्ष्मण जी को देवी के समक्ष बलि चढ़ाने के लिए पाताल लोक लाया गया, तब हनुमान जी उनको छुड़ाने के लिए पाताल लोक पहुंचे, वहां उनका सामना द्वारपाल मकरध्वज से हुआ।
हनुमानजी ने उससे उनका परिचय पूछा कि आप कौन है और यहां आप क्या कर रहे हैं। तब उन्होंने बताया कि मैं हनुमान पुत्र मकरध्वज हूं। तब हनुमान जी ने कहा कि मैं तो ब्रह्मचारी हूं, मेरा कोई पुत्र नहीं है।
तब मकरध्वज ने यह कथा सुनाई और कहां कि मैं भी स्वामी भक्त हूं. मैं आपको अंदर नहीं जाने दूंगा. आपको मुझसे युद्ध करना होगा, तब हनुमान जी और मकरध्वज का युद्ध हुआ। उसमें हनुमान जी विजय हुए और उन्होंने अहिरावण से श्री रामचंद्र जी औरलक्ष्मण जी को छुड़ाया और अहिरावण का वध किया और मकरध्वज को पाताल लोक का राजा घोषित किया।
यह भी पढ़े : क्यों और कैसे हुआ हनुमान जी का पंचमुखी अवतार?
Recommended Products from JiPanditJi
-
Sale!
-
Sale!
-
Sale!
Loading…