हिन्दू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता की पूजा की अलग-अलग पद्धतियां हैं।
पूजा में अलग-अलग सामग्री का उपयोग किया जाता है। कुछ सामग्री ऐसी होती हैं, जिनका प्रयोग करना उलटा परिणाम भी दे सकता है। ऐसा भगवान शिव के साथ भी है।
सभी जानते हैं कि भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि प्रिय हैं, लेकिन यहां हम ऐसी आठ सामग्री हैं जो भगवान शिव को अर्पित नहीं करनी चाहिए।
- केतकी का फूल
- तुलसी
- नारियल का पानी – महादेव को भले ही नारियल अर्पित किया जाता है, लेकिन कभी भी नारियल के पानी से अभिषेक नहीं करना चाहिए। आमतौर पर देवताओं को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण किया जाता है, लेकिन शिवलिंग का अभिषेक जिन पदार्थों से होता है उन्हें ग्रहण नहीं किया जाता। इसलिए शिव पर नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
- हल्दी – शिवलिंग पर कभी हल्दी नहीं चढ़ाई जाती, क्योंकि वह स्वयं शिव का रूप है, इसलिए हल्दी को निषेध किया गया है।
- सिंदूर या कुमकुम – विवाहित महिलाओं का गहना है सिंदूर या कुमकुम। स्त्रियां अपने पति के लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए सिंदूर लगाती हैं। इसके उलट महादेव त्रिदेवों में विनाशक हैं। विंध्वसक की भूमिका निभाते हैं, लिहाजा सिंदूर से उनकी सेवा करना अशुभ माना जाता है।
- शंख से जल – संख जो की शिव जी को नही चढ़ाना चाहिए कहा जाता है की भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। शंख को उसी असुर का प्रतीक माना जाता है जो भगवान विष्णु का भक्त था। इसलिए विष्णु भगवान की पूजा तो शंख से की जाती है लेकिन शिव की नहीं।
- तिल -तिल के बारे में कहा जाता है की यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ माना जाता है इसलिए इसे भगवान शिव को नहीं अर्पित किया जाता|
- खंडित चावल -भगवान शिव को अक्षत यानी साबूत चावल अर्पित किए जाने के बारे में शास्त्रों में लिखा मिलता है। टूटा हुआ चावल अपूर्ण और अशुद्ध होता है
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