- ज्योतिष के अनुसार कुंडली के ग्रह दोषों की वजह से भी वैवाहिक जीवन में अशांति बढ़ सकती है। कुंडली के कुछ ऐसे योग है जिनकी वजह से वैवाहिक जीवन में विपरीत स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
- अगर किसी एक व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है और उसका मंगल दोष निवारण नहीं करवाया गया है तो वैवाहिक जीवन में अशांति रहती है। मंगल व्यक्ति को अभिमानी और अड़ियल बनाता है, जिससे वाद-विवाद ज्यादा होते हैं।
- अगर पति या पत्नी में से किसी एक कुंडली में शुक्र नीच का हो या षष्ठम या अष्ठम भाव में हो तो झगड़े होने की संभावनाएं रहती हैं।
- कुंडली के सप्तम स्थान पर सूर्य, शनि, राहु, केतु और मंगल में से किसी एक या दो ग्रहों का प्रभाव हो तो ये योग पति-पत्नी के लिए अशुभ रहता है।
- कुंडली में गुरु अशुभ होकर सप्तमेश या सप्तम पर प्रभाव डालता है तो झगड़ों की संभावनाएं बनती हैं।
- कुंडली में सप्तमेश यानी सप्तम भाव का स्वामी छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो झगड़े ज्यादा होते हैं।
- पति या पत्नी की कुंडली में सप्तम भाव अशुभ ग्रहों से घिरा हो या सप्तम भाव का स्वामी अशुभ ग्रहों से घिरा हो तो वैवाहिक जीवन में शांति नहीं रहती है..इत्यादि…!!
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